नई दिल्ली :- केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के काफी सारे देशों में चावल एक लोकप्रिय और उपयोगी अनाज है। अगर आप भी चावल की खेती से लाखों पैसे कमाना चाहते हैं तो आज की खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। आज हम आपको ऐसे चावल की खेती के बारे में बताने वाले हैं जिसकी खेती से न केवल किसानों को फायदा मिलने वाला है बल्कि इन चावलों के सेवन से मरीजों को भी काफी फायदा होगा। आईए जानते हैं कौन से हैं यह चावल और कैसे कर सकते हैं इस चावल की खेती।
तिन्ना , तिन्नी, लाल या पसई का चावल
इस चावल की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी है। यह चावल किसानों को मालामाल बनाती है। इस चावल के एक नहीं बल्कि अनेकों औषधीय लाभ भी हैं। यह धान बलिया जनपद के मशहूर गोखुर झील सुरहा ताल की काली मिट्टी पर प्राकृतिक रूप से उगती है। इस धान को कई नाम से जाना जाता है। इस धान की खेती की सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह पानी में डूबती नहीं है यानी बाढ़ से इस धान की खेती को कोई खतरा नहीं है। ज्यादा पानी होने पर यह डूबने के बजाय ऊपर उठने लगती है। इसलिए इस धान की खेती उन इलाकों में सबसे ज्यादा होती है जहां ज्यादा बाढ़ आती है।
1 एकड़ भूमि में कितने बीच की होगी जरूरत
अगर हम लाल चावल की खेती करते हैं तो एक एकड़ भूमि पर 15 किलो बीज पर्याप्त होते हैं। 1 एकड़ जमीन में 15 किलो बीज से 15 से 20 क्विंटल तक उपज मिलती है। यह चावल और इसकी बाली दोनों ही लाल होती हैं। इस चावल की कटाई पानी की नाव से होती है। यह चावल खाने से शुगर, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल यहां तक की कैंसर भी कंट्रोल होता है। इस चावल को व्रत में भी खा सकते हैं। इस चावल के सेवन से कई तरह के रोग ठीक होते हैं। इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है। यह चावल बहुत महंगा होता है।