Agriculture News: किसान भाइयों के लिए वरदान है ये खास तोरई, जून में बोन से सिर्फ 70 दिन में होंगे मालामाल

नई दिल्ली :- आज के समय में किसान अब ऐसी फसलें उगा रहे हैं जो जल्दी तैयार हो जाती हैं और अच्छा मुनाफा देती हैं। ऐसी ही एक फसल है तोरई, जो कद्दू परिवार की सब्जी है। इसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है और जून का महीना इसकी बुवाई के लिए सबसे सही समय है। कृषि अधिकारी राजितराम के अनुसार अगर किसान सही किस्म चुनकर खेती करें तो कम खर्च में अच्छी कमाई कर सकते हैं। तोरई की खेती गर्मी और बरसात दोनों मौसम में की जा सकती है। इसकी कई अच्छी किस्में हैं जैसे – पूसा नसदार, वीएनआर आरती, काशी दिव्या, पीकेएम-1 और पूसा चिकनी।

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  • पूसा नसदार हल्के हरे रंग की होती है और इसकी पैदावार 150 से 160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।

  • वीएनआर आरती गहरे हरे रंग की लंबी तोरई होती है, और इसकी तुड़ाई 50 दिन में शुरू हो जाती है।

  • काशी दिव्या बेल वाली किस्म है जो 130 से 160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है।

  • पीकेएम-1 सबसे ज्यादा उपज देने वाली किस्म मानी जाती है, जिससे 250 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है।

  • पूसा चिकनी भी एक अच्छी किस्म है, जो 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है और 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज देती है।

इन किस्मों की खास बात ये है कि ये जल्दी तैयार हो जाती हैं और अच्छी उपज देती हैं। अगर किसान सही समय पर बीज बोएं, सिंचाई करें और देखभाल करें, तो तोरई की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। यानी, जून महीने में तोरई लगाना किसानों के लिए एक फायदे का सौदा बन सकता है।

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